

मान्यता है कि भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है.
एक कथा के मुताबिक, जब वेद व्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत लिखने की प्रार्थना की, तो उन्होंने 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत लिखी थी. 10वें दिन जब वेद व्यास जी ने देखा, तो गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ा हुआ था. इसके बाद उन्हें नदी में स्नान करवाया गया. तभी से गणेश उत्सव की शुरुआत हुई.
एक और कथा के मुताबिक, उत्तर भारत से भगवान गणेश अपने भाई कार्तिकेय से मिलने महाराष्ट्र गए थे और वहां 10 दिन(10 DAYS) रुके थे. इसके बाद उनकी सम्मान के साथ विदाई हुई थी.
माना जाता है कि इन 10 दिनों के दौरान भगवान गणेश हर साल पृथ्वी पर भ्रमण करने के लिए आते हैं. इसलिए इस समय अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति को लाना और उसकी विधिपूर्वक पूजा करना शुभ माना जाता है.