

महाराष्ट्र (Maharashtra) : महाराष्ट्र पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता अनीस अहमद सोमवार को मुंबई में वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) में शामिल हो हुए। पार्टी ने उन्हें नागपुर सेंट्रल से टिकट दिया। मंगलवार को अनीस अहमद नॉमिनेशन कराने पहुंचे लेकिन 2 मिनट लेट हो गए। उनका नामांकन नहीं हो पाया।
कांग्रेस से अनीस अहमद ने अपने चार दशक पुराने संबंधों को तोड़ लिया। उन्होंने बगावत का झंडा बुलंद किया और नागपुर सेंट्रल से चुनाव लड़ने के लिए दिग्गज नेता अनीस अहमद वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) में शामिल हो गए। पार्टी ने उन्हें टिकट भी दे दिया। मंगलवार को उनका नामांकन था। अनीस अहमद गाजे-बाजे, झंडा-बैनर के साथ अपना नामांकन दाखिल करने पहुंचे। हालांकि वह नॉमिनेशन नहीं करा पाए क्योंकि वह समय सीमा से लेट थे। हालांकि वह महज 2 मिनट लेट पहुंचे थे लेकिन उनका नामांकन नहीं हो पाए।
अनीस ने कहा कि सड़क बंद होने, वाहनों पर प्रतिबंध, सुरक्षा प्रोटोकॉल और अंतिम समय में दस्तावेजीकरण जैसी बाधाओं को पार करने करके वह नागपुर सेंट्रल रिटर्निंग ऑफिसर के बूथ पर पहुंचे। वह 3 बजे की समय सीमा से महज 2 मिनट लेट थे। नामांकन दाखिल करने की खिड़की सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक खुली थी। सार्वजनिक घोषणाओं में उम्मीदवारों से 2.30 बजे नामांकन दाखिल करने में तेजी लाने का आग्रह किया गया, तथा 2.45 बजे अंतिम अनाउंसमेंट किया गया।
अनीस अहमद ने कलेक्ट्रेट के बाहर हुए हाई-वोल्टेज ड्रामा क्रिएट किया। वह धरने पर बैठ गए और कई घंटों तक बैठे रहे। उन्होंने सवाल खड़े कर दिए कि क्या तीन बार के विधायक की समय की पाबंदी को देखते हुए, उन्होंने जानबूझकर मैदान से हटने का फैसला किया है? अनीस अहमद ने कहा, ‘मेरा नामांकन रिटर्निंग ऑफिसर ने स्वीकार नहीं किया क्योंकि मैं दोपहर 3 बजे की समय सीमा से चूक गया था।’
नामांकन के लिए दरवाजे ठीक 3 बजे बंद कर दिए गए। अहमद रात 8 बजे तक रिटर्निंग ऑफिसर के शिविर में रहे, तथा अपना नामांकन स्वीकार करने का अनुरोध किया। उन्होंने अपने घायल घुटने का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने आकाशवाणी स्क्वायर से पुराने वीसीए स्टेडियम तक सड़क मार्ग से जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। उनके घुटने में चोट है इसके बावजूद वह इतनी दूर चलकर नामांकन के लिए पहुंचे।