

विभिन्न झांकियों के साथ शहर सज गया
यवतमाल (Yavatmal) : आदिशक्ति के आगमन के साथ दुर्गोत्सव की धूमधाम से शुरुआत हुई है। शहर रोशनी से जगमगा उठा है और भक्तिमय वातावरण में आदिशक्ति जगदंबे की स्थापना की जा रही है। इस दौरान, पारंपरिक वेशभूषा में कलाकार आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
उत्सव में शामिल होने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से भक्त आ रहे हैं। भीड़ होने के कारण खास निजी वाहनों को शहर में चलाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में, देवी भक्तों के लिए ऑटोरिक्शा चालकों ने सेवा देने का निर्णय लिया है। पोस्टल ग्राउंड से शेयरिंग ऑटोरिक्शा पूरे शहर में देवी दर्शन कराने का काम करेगा, जिससे बाहर से आने वाले भक्तों को कोई असुविधा न हो।
सड़क पर मूर्तिकारों के घरों के बाहर सुबह से ही भक्तों की भीड़ थी। यवतमाल में दुर्गोत्सव के लिए साल भर से योजनाएं बनाई जाती हैं। हर साल अपने मंडल का प्रदर्शन आकर्षक बनाने के लिए काम किया जाता है। गुरुवार को घटस्थापना के दिन शहर के उत्सव मंडल के दर्शन पूरी तरह से तैयार हो गए। सुबह 7 बजे से ही आदिशक्ति की स्थापना के लिए मंडल में हलचल शुरू हो गई थी। भक्तों का महासागर यवतमाल में देखने को मिला। आदिशक्ति की स्थापना के लिए विशेष मिरवणुकाएं भी आयोजित की गईं।
शहर और जिले में कुल 2,862 दुर्गा और शारदा मंडल हैं। नौ दिनों का यह जागर देश भर में प्रसिद्ध है। लाखों की संख्या में भक्त यवतमाल में आते हैं। पहले ही दिन कुछ उत्सव मंडलों ने माते का पहला दर्शन समारोह आयोजित किया। इसके लिए रील्स स्टार और झाडीपट्टी कलाकारों के शो का आयोजन किया गया। दर्डा नाका स्थित शिवराय दुर्गोत्सव मंडल ने देवी भक्तों को पहले दिन विशेष मेहमानवाजी की।
हर नगर में महिलाओं के बीच भी उत्साह का वातावरण था और गरबा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए थे। कुछ महिलाओं ने खास वर्ग लगाकर गरबा नृत्य सीखा है और अब वे विभिन्न जगहों पर होने वाले गरबा नृत्य में भाग लेने के लिए तैयार हैं। पारंपरिक वेशभूषा और मधुर संगीत पर माता जगदंबे की आराधना करते हुए गरबा में फेर धरने का कार्यक्रम होता है।
रात भर ये आयोजन चलते हैं और जिले के साथ शहर में भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। इस के लिए प्रशासन द्वारा भी विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। भक्तों के लिए विभिन्न जगहों पर ऊसळ और फराळी पदार्थों के स्टॉल लगाए गए हैं। पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है। सुरक्षा के लिए पुलिस भी सतर्क हो गई है।
पुलिस द्वारा भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए उपाय योजनाएं बनाई गई हैं। दो हजार से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं। गृहरक्षक दल के जवान भी सेवा में रहेंगे। पुलिस ने व्यवसायियों से अपील की है कि वे अपने दुकानों के सामने नौ दिनों तक बड़े लाईट रात में जलते रहें, और दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे को सड़क की दिशा में रखें ताकि कोई अनुचित घटना न हो।
आई अंबे के पहले दर्शन के लिए भी खास समारोहों का आयोजन घर-घर किया गया है। घटस्थापना के साथ ही कई लोग इसमें शामिल हुए हैं। नवरात्र के दर्शन सभी को आकर्षित कर रहे हैं। यवतमाल शहर में दुर्गोत्सव मंडलों द्वारा भव्य झांकियों का निर्माण किया गया है। कई स्थानों पर विशेष झांकियां तैयार की गई हैं।
दुर्गा मंडलों ने माता का मंडप किसी प्रसिद्ध मंदिर की प्रतिकृति के रूप में सजाया है, जिससे शहर को एक अलग रूप प्राप्त हुआ है। कहीं भव्य दीवाले हनुमान की मूर्ति है, तो कहीं गरुड़ का वध। इस तरह की झांकियों के साथ गुफाओं में महाकाली की स्थापना की गई है, तथा तुळजापुर मंदिर की हूबहू प्रतिकृति भी बनाई गई है। इस वर्ष यवतमाल शहर में इस प्रकार की कई झांकियों की रेलमगाज है। भक्त उत्सुकता के साथ नवरात्रा के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और पूरा शहर रात में जगमगाता है।