

किसानों, कृषि स्टार्टअप्स, कृषि पेशेवरों से बड़ी संख्या में शामिल होने का आवाहन
नागपुर, 12 सितंबर, 2025: “Transforming Agriculture, Empowering Farmers’’- “कृषि में परिवर्तन, किसानों का सशक्तिकरण” की अवधारणा पर आधारित मध्य भारत की सबसे बड़ी और बहुप्रतीक्षित कृषि प्रदर्शनी एग्रोविजन 2025, 21 से 24 नवंबर, 2025 तक राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय परिसर, अंबाझरी रोड में आयोजित की जाएगी।
एग्रोविज़न के मुख्य प्रवर्तक, केंद्रीय मंत्री माननीय श्री नितिन गडकरी के मार्गदर्शन में एग्रोविज़न फाउंडेशन और एमएम एक्टिव द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 16वें एग्रोविज़न कृषि प्रदर्शनी में आधुनिक कृषि तकनीक और नए कृषि उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा। इन नए उपकरणों का डेमो भी यहाँ देखने को मिलेगा। पूरक कृषि से संबंधित विभिन्न विषयों पर कार्यशालाएँ, विशेष कार्यशालाएँ और सम्मेलन भी यहाँ आयोजित किए जाएँगे।
भव्य राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी: इस वर्ष राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी में 450 से अधिक संगठन भाग लेंगे और कृषि क्षेत्र की अग्रणी स्थानीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, बैंकों और बीमा कंपनियों के साथ-साथ स्टार्टअप्स और एमएसएमई के स्टॉल भी देखने को मिलेंगे। विदर्भ और आसपास के क्षेत्रों के लाखों किसान, मध्य भारत के डीलर, वितरक, सरकारी अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता प्रदर्शनी को भेट देंगे। एग्रोविजन में एमएसएमई और कृषि स्टार्टअप के लिए एक विशेष हॉल बनाया गया है, जो युवा उद्यमियों को बाजार के अवसर खोजने और अपने उत्पादों को सीधे किसानों तक पहुँचाने में मदद करेगा। पिछले वर्ष एग्रोविजन कृषि प्रदर्शनी में लघु उद्योगों और स्टार्टअप्स के लगभग 100 स्टॉल लगे थे।
किसानों को होगा लाभ: इस राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी में किसानों को नए उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को देखने का अवसर, सरकारी योजनाओं की जानकारी, कार्यशालाओं में विशेषज्ञ मार्गदर्शन, पूरक कृषि गतिविधियों की जानकारी, कृषि क्षेत्र में युवाओं के लिए अवसरों की जानकारी, स्वयं सहायता समूहों/कृषि उत्पादक संगठनों के सदस्यों के लिए विशेष सम्मेलन आदि का आयोजन किया जाएगा, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
कार्यशालाएँ: एग्रोविज़न अपनी स्थापना के बाद से ही किसानों के लिए निःशुल्क कार्यशालाओं का आयोजन करता आ रहा है। इस वर्ष 30 से अधिक विभिन्न विषयों पर कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी और किसानों को देश भर के 60 से अधिक कृषि विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलेगा। किसानों को सफल किसानों की सफलता की कहानियों से प्रेरणा लेने का भी अवसर मिलेगा। ये कार्यशालाएँ कई विषयों पर आयोजित की जाएँगी जैसे कि खट्टे फलों (लिंबुवर्गीय फल)की खेती और प्रसंस्करण, विदर्भ में केसर आम की खेती के अवसर और निर्यात क्षमता, सीताफल की खेती और प्रसंस्करण, मुर्गी पालन, बकरी और भेड़ पालन, सब्जी बीज उत्पादन, सोयाबीन उत्पादन और प्रसंस्करण जैसी अतिरिक्त गतिविधियों पर आधारित कार्यशालाएँ आयोजित की जा रही है। इनमें से कुछ कार्यशालाएँ लंबी अवधि की भी होंगी। इनमें मीठे पानी में मत्स्य पालन, कृषि में एआइ, एमएल, आईओटी तकनीकों का उपयोग, संतरे की खेती और प्रसंस्करण, गन्ना उत्पादन इत्यादी शामिल होंगे।
डेयरी फार्मिंग पर विशेष कार्यशाला: एग्रोविजन पिछले कई वर्षों से विदर्भ में डेयरी उत्पादन के लिए काम कर रहा है। इस वर्ष एनडीडीबी के सहयोग से डेयरी फार्मिंग पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रजनक पशुओं के चयन, चारा प्रबंधन और दुग्ध प्रसंस्करण पर विशेषज्ञों द्वारा किसानों को जानकारी दी जाएगी। एनडीडीबी के अध्यक्ष श्री मिनेश शाह इस विशेष कार्यशाला में उपस्थित रहेंगे। डेयरी फार्मिंग शुरू करने के इच्छुक सभी किसानों को इसका लाभ उठाने का आग्रह किया जा रहा है।
विविध परिषदों का आयोजन : इस वर्ष के एग्रोविज़न में ‘खाद्य प्रसंस्करण’ उद्योग और ‘कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग’ विषयों पर एक दिवसीय सम्मेलन विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। विदर्भ में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में अवसरों, मूल्य संवर्धन, आधुनिक तकनीक और नए बाज़ारों के साथ-साथ कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर होने वाला यह सम्मेलन किसानों के लिए लाभकारी होगा।
प्रदर्शनी में दिखेंगे नवाचार और स्टार्टअप: एग्रोविज़न में आयोजित राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी में कृषि एवं गैर-कृषि (इंजीनियरिंग, आईटीआई आदि) विश्वविद्यालयों के छात्रों, किसान शोधकर्ताओं और नव उद्यमियों को कृषि एवं खेती-किसानी से जुड़े अपने नवाचारों और स्टार्टअप बिज़नेस मॉडल प्रदर्शित करने का अवसर दिया जाएगा। इसके अलावा, हर साल की तरह इस साल भी कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसानों को एग्रोविज़न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा। कॉलेज के छात्रों के लिए एक निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा।
एग्रोविजन के आयोजन से सकारात्मक परिणाम देखने को मिले है, जैसे पूरक व्यवसायों का विकास, आधुनिक प्रौद्योगिकी की मांग, कृषि-पर्यटन, तथा युवाओं का कृषि की ओर अपना करियर बनाना।
संक्षेप में, 16वें एग्रोविज़न की विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
• प्रदर्शनी में कृषि क्षेत्र की अग्रणी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तथा स्थानीय कंपनियों, जमीनी स्तर के नवप्रवर्तकों, लघु उद्यमियों और स्टार्टअप्स की भागीदारी
• एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए विशेष दालन
• नई कृषि तकनीकों और नए कृषि उत्पादों का डेमो देखने का मौका।
• विदर्भ में डेयरी व्यवसाय के अवसरों पर विशेष कार्यशाला
• कृषि में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी पर सम्मेलन
• मध्य भारत के लाखों किसानों की भागीदारी
एग्रोविज़न के मुख्य प्रवर्तक एवं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री माननीय श्री नितिन गडकरी, ने आयोजन समिति के सदस्यों को अपने क्षेत्र के किसानों से इस वर्ष एग्रोविज़न में आयोजित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी देने और उन्हें एग्रोविज़न में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की। प्रेस कॉन्फ्रेंस एवं आयोजन समिति की बैठक में एग्रोविज़न के आयोजन सचिव श्री रवि बोरटकर और श्री रमेश मानकर, एग्रोविज़न सलाहकार समिति की अध्यक्ष डॉ. सी.डी. माई, एग्रोविज़न फाउंडेशन के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। तथा एग्रोविज़न फाउंडेशन के सदस्य श्री. शिरीष भगत, श्री. सुधिर दिवे, श्री. आनंतदराव राऊत, श्री. प्रशांत कुकडे,
कॅ. डॉ. एल.बी. कलंत्री, डॉ. पिनाक दंदे, श्री. नितीन कुळकर्णी, श्री. हितेंद्र सिंग, डॉ. के.डी. ठाकुर, डॉ. सुनिल साहतपुरे, पंजाबराव कृषि विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. शरद गडाख, माफसु के कुलगुरू डॉ. नितीन पाटील, डॉ. दिलीप घोष सी.सी.आर.आय. नागपूर, डॉ. व्ही.एन. वाघमारे – सी.आय.सी.आर, नागपूर, व अन्य मान्यवर उपस्थित थे।
अधिक जानकारी और कार्यशाला पंजीकरण के लिए संपर्क करें: एग्रोविज़न सचिवालय, नागपुर. मोबाइल: 9764796709 / 88060 70
03 फ़ोन: 0712-2555249