अब दुश्मन पर बरसेंगी मेड इन इंडिया ASMI मशीन पिस्टल की गोलियां

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अब दुश्मन पर बरसेंगी मेड इन इंडिया ASMI मशीन पिस्टल की गोलियां
अब दुश्मन पर बरसेंगी मेड इन इंडिया ASMI मशीन पिस्टल की गोलियां

Indian Army ने क्लोज रेंज कॉम्बैट के लिए 550 स्वदेशी मशीन पिस्टल ASMI खरीदने की अनुमति दे दी है. इससे पहले भी इतनी ही मात्रा में ये गन खरीदी गई थी. ये गन नजदीकी लड़ाई के लिए शानदार है. इसे सेना के उत्तरी कमांड के जवानों को दिया जाएगा. ताकि चीन-PAK सीमा पर सेना की शक्ति बढ़े.

भारतीय सेना के नॉर्दन कमांड ने 550 स्वदेशी मशीन पिस्टल ASMI की खरीदी को हरी झंडी दे दी है. इससे पहले भी 550 गन्स खरीदी गई थीं. भारतीय सेना के इस ऑर्डर से रक्षा उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा. इस गन को कर्नल प्रसाद बंसोड ने DRDO के साथ मिलकर बनाया था. बाद में इसे हैदराबाद की लोकेश मशींस नाम की कंपनी बना रही है. यह बंदूक पूरी तरह से स्वदेशी है.

नजदीकी जंग यानी क्लोज कॉम्बैट में छोटे, घातक और हल्के हथियारों का इस्तेमाल होता है. ऐसे में ASMI काफी कारगर साबित होगी. अस्मि एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब है गर्व, आत्मसम्मान और कड़ी मेहनत. इसे बनाने में 4 महीने लगे थे.

इसके दो वैरिएंट्स हैं. 9 mm की मशीन पिस्टल का वजन सिर्फ 1.80 KG है. इसके ऊपर किसी भी तरह के टेलिस्कोप, बाइनोक्यूलर या बीम लगाए जा सकते हैं. इसकी लंबाई 14 इंच है. बट खोलने पर यह बढ़कर 24 इंच हो जाती है.

इस पिस्टल को एल्यूमिनियम और कार्बन फाइबर से बनाया गया है. इसकी सटीक रेंज 100 मीटर है. मैगजीन में स्टील लाइनिंग होने की वजह से गोलियां इनमें फंसेंगी नहीं.

अस्मि मशीन पिस्टल की मैगजीन को पूरा लोड करने पर 33 गोलियां आती हैं. यह पिस्टल एक मिनट में 600 गोलियां दाग सकती है. इसका लोडिंग स्विच दोनों तरफ हैं. यानी दोनों हाथों से ये पिस्टल चलाना आसान होगा.