

यवतमाल (Yavatmal) : विधानसभा चुनावों की तैयारी के चलते राज्य सरकार हर मांग पर निर्णय ले रही है। इसी अवसर का लाभ उठाते हुए तलाठी, कोतवाल, कृषि कर्मचारी और सामाजिक संगठनों ने विभिन्न प्रकार से आंदोलन शुरू किया है। मंगलवार को यवतमाल में इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिला। तलाठियों की काम बंद हड़ताल ने मंगलवार को संपूर्ण सरकारी कामकाज को ठप्प कर दिया। इस कारण जिलाधिकारी डॉ. पंकज आशिया ने तलाठियों की तात्कालिक बैठक बुलाई। बैठक में तलाठियों ने प्राकृतिक आपदा के और चुनाव के काम को छोड़कर अन्य काम करने से मना कर दिया।
जिले में 2040 राजस्व दर्जा वाली गांवें हैं, जिनके लिए केवल 679 तलाठी उपलब्ध हैं। इस कारण एक तलाठी पर चार से पांच गांवों की जिम्मेदारी सौपी गई है। कृषि क्षेत्र की संपूर्ण जानकारी और सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन तलाठियों पर निर्भर है। इसी कारण से प्रलंबित मांगों को पूरा करने के लिए मंगलवार से काम बंद आंदोलन किया गया है। विदर्भ पटवारी संघ नागपुर के नेतृत्व में हुए आंदोलन में 679 तलाठियों ने भाग लिया। उन्होंने सरकारी कामकाज की जांच, स्थल निरीक्षण, सरकारी जानकारी, फेरबदल रिकॉर्ड करना और शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने का काम रोक दिया।
गुरुवार से लेखनी बंद आंदोलन करेंगे कर्मचारी, 30 सितंबर से कृषि कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन काम बंद आंदोलन की चेतावनी दी
तलाठी संवर्ग की संयुक्त सेवा वरिष्ठता सूची पिछले 15 वर्षों से अद्यतित नहीं की गई है। तलाठी संवर्ग के सार्वभौमिक और विनती परिवर्तनों में अनियमितताएं दूर नहीं हुई हैं। पुरानी लैपटॉप और प्रिंटर भी नहीं बदले गए हैं। तलाठी संवर्ग की वेतन निर्धारण और वेतन जांच भी नहीं हुई है। लोकसभा चुनावों के कामकाज का मानधन भी नहीं मिला है। इस कारण से नाराज तलाठियों ने काम बंद आंदोलन शुरू किया है।
संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष बालकृष्ण गाढवे, जिलाध्यक्ष राजू मानकर, सचिव भारत पिसे, पूर्व जिलाध्यक्ष कामराज चौधरी, और धीरज पत्रे ने मंगलवार को जिलाधिकारियों के साथ चर्चा की। यवतमाल कृषि आयुक्तालय में कृषि सहसंचालक का रिक्त पद लिपिक संवर्ग के माध्यम से भरा जाए, इस मुख्य मांग के लिए महाराष्ट्र राज्य कृषि लिपिक संवर्ग संगठन ने काले फीते लगाकर काम शुरू किया है। यह संगठन गुरुवार से लेखनी बंद आंदोलन करने वाला है।
1 मई 2023 से कृषि विभाग की प्रशासनिक सेवा में कृषि सहसंचालक का महत्वपूर्ण पद रिक्त है। इससे राज्य भर में कृषि विभाग के महत्वपूर्ण निर्णय प्रभावित हो रहे हैं। इससे कार्य की गति मंद पड़ गई है। इन सभी सवालों पर ध्यान आकर्षित करने और कृषि सहसंचालक के रिक्त पद को लिपिक संवर्ग से भरने की मांग के लिए संगठन ने काले फीते लगाकर काम शुरू किया है। इस मांग की पूर्ति के लिए 20 सितंबर से लेखनी बंद, और 30 सितंबर से अनिश्चितकालीन काम बंद आंदोलन करने की योजना बनाई गई है। इस संबंध में कर्मचारियों ने कृषि विभाग को ज्ञापन भी सौंपा है। इस अवसर पर राज्य कार्याध्यक्ष आशिष कोंडावार, कनिष्ठ लिपिक बाबुशा सूर्यवंशी, क्रांति तोटे, शिल्पा सोनोने, अर्चना जाधव, भारत पांडे, सतीश हळवे और कई अन्य लोग उपस्थित थे।