
यवतमाल (Yavatmal) : स्थानीय महिला बैंक में हुए 242 करोड़ रुपये के ऋण घोटाले में तत्कालीन सीईओ सुजाता महाजन समेत सात लोगों को जेल भेजा गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद कई आरोपी फरार हो गए थे। अब उनमें से 62 आरोपी जिला एवं सत्र न्यायालय (Sessions Court) में अग्रिम जमानत या अस्थाई जमानत के लिए आवेदन कर चुके हैं। इनमें से कुछ ने अपने वकीलों के माध्यम से अग्रिम जमानत और कुछ ने अस्थाई जमानत के लिए आवेदन किया है।
बिल्डर दीपक निलावार, रेखा फडके, अदिति फडके, पराग उत्तरवार, पुनम सचिन माहुरे, अमित निलावार, प्रियंका निलावार, सुमित निलावार, रविंद्र उत्तरवार, विक्रम नानवाणी, अनिल बेलोरकर, सीमा योगेश नानवाणी, जान मोहम्मद जिवानी, क्रांति राउत, भिकेश मालाणी, मुकेश पटेल और शैलजा सहित कई अन्य ने अग्रिम और अस्थाई जमानत के लिए आवेदन किया है। एसआईटी ने महिला बैंक के 242 करोड़ रुपये के घोटाले में तत्कालीन सीईओ सुजाता महाजन, उनके पति विलास महाजन, नवलकिशोर मालाणी, वकील वसंत मोहर्लीकर, प्रकाश आनंदराव पिसाल, प्रशांत पामपट्टीवार, और रमेश उर्फ जयदेव पांडुरंग अगरवाल को दो चरणों में गिरफ्तार किया था।
20 सितंबर को इन सातों की पुलिस हिरासत खत्म हो गई थी, जिसके बाद एसआईटी ने उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया। अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया। इस गिरफ्तारी के बाद से एसआईटी सक्रिय हो गई और महिला बैंक की मूल ऋण फाइलें जब्त कर लीं।
अब तक 62 लोग अग्रिम या अस्थाई जमानत के लिए आवेदन कर चुके हैं। इस पूरे मामले में पुलिस को अदालत के सामने पुख्ता सबूतों के साथ अपना पक्ष रखना होगा कि आरोपियों को जमानत क्यों नहीं दी जानी चाहिए। प्रत्येक आरोपी की भूमिका और ऋण मामले की अलग-अलग जांच करनी होगी। एसआईटी को इस मामले में गहन अध्ययन करना होगा।
















