


पुणे (Pune): महाराष्ट्र का सबसे तेज़ और लोकप्रिय एक्सप्रेस,पुणे-मुंबई एक्सप्रेस (Pune-Mumbai Express) है। यह महामार्ग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के कार्यकाल में राज्य के सार्वजनिक निर्माण मंत्री रहते हुए बनाया गया था और अप्रैल 2002 में इसे यात्रियों के लिए खोला गया था। 94.5 किमी लंबा यह मार्ग मुंबई और पुणे के विकास को नई दिशा देता है। वर्तमान में, ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं के कारण यह एक्सप्रेसवे लगातार चर्चा में रहता है।
आज पुणे में सड़क विकास कार्यों के भूमिपूजन समारोह में बोलते हुए नितिन गडकरी ने पुणे-मुंबई एक्सप्रेस पर अपनी गलती का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “पुणे-मुंबई एक्सप्रेस बनाते समय मेरी गलती हुई। मुझे इसे कात्रज से बनाना था, लेकिन कुछ अधिकारियों ने कहा कि इससे लागत बढ़ेगी। अधिकारी एक निश्चित उम्र के बाद रिटायर हो जाते हैं। उनके लिए नया कपड़ा सिलने के बजाय उसे ठीक करना ही जीवन का नजरिया होता है। इस कारण ट्रैफिक समस्या पैदा हुई।”
गडकरी ने कहा कि उनके मन में यह योजना थी कि एक्सप्रेसवे कात्रज से मुंबई तक बने। उन्होंने 899 करोड़ रुपये के विभिन्न सड़क विकास कार्यों के भूमिपूजन समारोह में यह बात कही। साथ ही, राज्य सरकार की जिम्मेदारी के तहत पुणे-मुंबई और अहमदनगर के आगे दो टोल नाकों का जिक्र करते हुए कहा कि यदि तीन महीनों में इन रास्तों के खड्डे नहीं भरे गए, तो राज्य सरकार इन दोनों रास्तों को वापस ले लेगी।
गडकरी ने बताया कि “हमने पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे बनाया, उसके बाद कांग्रेस-राष्ट्रवादी सरकार आई। तब एमएसआरडीसी के प्रबंध निदेशक करंदीकर ने मुझसे कहा कि यह लॉस मेकिंग रोड है। मैंने कहा कि अब राज्य उनकी है। उन्हें रास्ता निकालने दो। फिर पवार साहब का फोन आया कि एक्सप्रेस तुम्हारा बच्चा है, समस्या तुम्हें सुलझानी होगी। मैंने पुराने पुणे-मुंबई हाईवे को एमएसआरडीसी को सौंप दिया, लेकिन एक शर्त के साथ कि इस पर पुल बनाकर सड़क को ठीक रखना होगा। लेकिन उन्होंने उस सड़क को 8000 करोड़ रुपये में बेच दिया और काम नहीं किया।”