


ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अभ्रुनुकसानी के मामले में संजय राउत को दोषी ठहराया गया है। अदालत ने उन्हें अब 15 दिनों की कैद की सजा सुनाई है। यह मामला मेधा किरीट सोमय्या द्वारा दायर किया गया था, और अब अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है।
मेधा किरीट सोमय्या ने संजय राउत के खिलाफ यह मामला दाखिल किया था। यह मामला माझगांव कोर्ट में दायर किया गया था, जिसमें राउत पर अभ्रुनुकसानी का आरोप लगाया गया था। इस मामले की सुनवाई पिछले कुछ महीनों से चल रही थी। अब अदालत ने फैसला सुनाया है कि संजय राउत दोषी पाए गए हैं।
इस मामले में संजय राउत को 15 दिनों की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह याचिका IPC के सेक्शन 500 के तहत दाखिल की गई थी। पिछले कुछ महीनों से इस मामले की सुनवाई चल रही थी, और आज अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। संजय राउत को दोषी सिद्ध किया गया है, और वे इस निर्णय के खिलाफ उच्च अदालत में जा सकते हैं।
यह मामला क्या है?
भाजपा नेता किरीट सोमय्या की पत्नी मेधा सोमय्या ने संजय राउत के खिलाफ अदालत में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। संजय राउत ने उन पर 100 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगाया था। शिवड़ी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में दायर की गई शिकायत में मेधा ने कहा था कि संजय राउत द्वारा पिछले महीने किए गए आरोप निराधार और बदनाम करने वाले हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मीरा-भाईंदर महानगरपालिका क्षेत्र में सार्वजनिक स्वच्छतागृहों के निर्माण में 100 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया। मीडिया के सामने किए गए इस बयान को उन्होंने बदनामी का बताया। उन्होंने कहा कि यह बयान उनकी छवि को खराब करने के लिए दिए गए हैं। मेधा सोमय्या ने संजय राउत को इस मामले में नोटिस भेजने की मांग की थी और उनके खिलाफ मानहानि की कार्रवाई की मांग की थी।